स्याना। आजकल एक राष्ट्रीयकृत बैंक के मिनी बैंक संचालकों द्वारा ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। एक के बाद एक मिनी बैंक संचालक ग्राहकों की रकम लेकर फरार हो रहे हैं। ग्राहकों की मेहनत की कमाई पर इस तरह की धोखाधड़ी ने लोगों के विश्वास को गहरी चोट पहुंचाई है।
बैंक अधिकारियों की लापरवाही:
इन मामलों में सबसे बड़ा सवाल बैंक अधिकारियों की जिम्मेदारी पर उठ रहा है। समय-समय पर खातों की जांच और मिनी बैंकों की निगरानी न करने से ऐसे घोटालों को बढ़ावा मिल रहा है। यदि बैंक अधिकारी नियमित रूप से चेकिंग करते तो ग्राहकों की रकम सुरक्षित रहती।
ग्राहकों की परेशानी:
इन घोटालों के चलते सैकड़ों ग्राहक अपनी जमा पूंजी गंवाने के डर से परेशान हैं। पुलिस में शिकायतें दर्ज कराई जा रही हैं, लेकिन अब तक बहुत कम मामलों में पैसा वापस मिल पाया है।
प्रशासनिक कार्रवाई की मांग:
ग्राहकों ने बैंक अधिकारियों से समय-समय पर मिनी बैंकों की जांच करने और ऐसे संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। यदि जल्द ही सख्त कदम नहीं उठाए गए तो लोगों का बैंकिंग प्रणाली पर भरोसा खत्म हो सकता है।
निष्कर्ष:
इन घोटालों को रोकने के लिए प्रशासन को तुरंत सतर्क होना होगा। ग्राहकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बैंक अधिकारियों और कानून व्यवस्था को मिलकर ठोस कदम उठाने होंगे।

Author: The Hindustan Times
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