ऊंचागांव। सार्वजनिक वितरण प्रणाली में राशन डीलर और अब भारतीय खाद्य निगम के बीच की कड़ी आरएफसी गोदामों की व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया था। एफसीआई यानी भारतीय खाद्य निगम के गोदाम से राशन सीधे राशन डीलरों के पास पहुंचाने की जिम्मेदारी ठेकेादारों की दी गई थी। लेकिन गोदाम से राशान को सीधा नही पहुंचाया जा रहा है। जिसकी शिकायत डीएम से की गई है।

सरकार की ओर से राशन डीलरों को मिलने वाला सरकारी राशन गेहूं-चावल की काला बाजारी पर रोक लगाने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली को लागू किया था। ब्लांक ऊंचागांव क्षेत्र में सरकारी राशन को एफसीआई द्वारा राशन डीलरों तक नही पहुंचाया जा रहा है। क्योकि गांव में सीधा राशन पहुंचने से काला बाजारी पर अंकुश लग जायेगा। वितरण प्रणाली आदेश जारी होने के उपरांत भी राशन को डीलरों तक पहुंचना मुनासिब नही समझा। ऊंचागांव से नगल मदारीपुर मार्ग पर राशन से भरे ट्रको को खड़ा करके डीलरों को दिया जाता है। जिसकी शिकायत जितेन्द्र लोधी समाज सेवी ने जिलाधिकारी से करते हुए आरोप लगाया है कि लेवर ठेकेदार और क्षेत्रिय आपूर्ति अधिकारी की मिली भगत से डीलरों के राशन की खरीदारी कर उसकी काला बाजारी कर दी जाती है व मोटा मुनाफा कमाया जा रहा है। राशन के ट्रको को सीधे डीलरों के यहां पहुंचाया जाऐ और राशन की काला बाजारी की गोपनीय जांच कर कार्यवाही की जाए।
आपूर्ति अधिकारी ने कहा
क्षेत्र की सभी दुकानों पर राशन पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। यदि किसी दुकान तक वाहन नहीं पहुंच पा रहा है वहां पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।

Author: Abhishek Agarwal
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