कासगंज। नरौरा बैराज से छोड़े गए भारी जलप्रवाह के चलते गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे पटियाली तहसील क्षेत्र के तटवर्ती गांवों में बाढ़ का संकट मंडराने लगा है। मंगलवार को बैराज से 1,22,848 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद गांव अलाखोर, नगला शंभू और नगला हंसी में गंगा का पानी आबादी तक पहुंच गया। जलस्तर 67 सेंटीमीटर की वृद्धि के साथ 162.42 मीटर तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान 161.75 मीटर से ऊपर है।
ग्रामीणों के मुताबिक खेतों में पानी भर चुका है और अब घरों की ओर बढ़ रहा है। इससे भय का माहौल है। प्रशासनिक टीमें निगरानी तो कर रही हैं लेकिन अभी तक कोई ठोस राहत नहीं पहुंचाई गई है। गंगा में छोड़ा गया पानी (क्यूसेक में) हरिद्वार से 66,860, बिजनौर से 47,502, नरोरा से 1,22,848 है। गांव मढ़ैयन, देवीदास नगला, नगला डोरी, नगला हरिया और रामनगर आदि में भी बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि अब तक 50-60 बीघा खेत जलमग्न हो चुके हैं। यदि पानी का स्तर ऐसे ही बढ़ता रहा तो पशु और मानव के पलायन की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। वही प्रशासन ने तटवर्ती गांवों के लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। क्षेत्रीय लेखपाल, ग्राम सचिव एवं अन्य अमले को गांवों में गश्त पर लगाया गया है। वहीं ग्रामीणों ने राहत सामग्री, नाव, पशु चारे और सुरक्षित ठिकानों की समय पर व्यवस्था की मांग की है। वही गंगा के तटवर्ती क्षेत्र मे प्रशासन की आधी अधूरी तैयारियों की पोल खोल दी है। पटियाली तहसील के मूजखेडा गांव में कोई बांध न होने के चलते बाढ़ का पानी सड़कों पर आ चुका है,जो कि सड़क का कटान कर रहा है। जिससे ग्रामीणों का आवागमन प्रभावित हो गया है। जिससे खतरा और बढ़ गया है। वही विधार्थियो के स्कूल जाने को आवगमन का संकट खड़ा होता जा रहा है। वहीं थाना क्षेत्र सुन्नगढ़ी के अंतर्गत गांव कुसौल और किलौनी में बाढ़ का पानी घुस गया है। इसके चलते किसानों की कई बीघा मक्का की फसल जलमग्न हो गई है। किसान अब डूबती फसलों को बचाने के प्रयास में लगे हुए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि सुन्नगढ़ी के पूर्वी छोर पर सिंचाई विभाग द्वारा करोडो की लागत से बनाया गया बाढ़ रोधी स्टड अब खुद गांववासियो की मुसीबत का कारण बन गया है। ग्रामीणों के मुताबिक यह निर्माण जल के प्रवाह को रोकता है, जिससे आसपास के क्षेत्रों में पानी का दबाव बढ़ गया है और पूवी छोर के कुछ दूरी स्थित गांवो मं बाढ़ का खतरा और अधिक गहरा गया है। ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल राहत कार्य और ठोस कदम उठाने की मांग की है। यदि समय रहते उचित प्रबंधन नहीं हुआ, तो आने वाले दिनों में स्थिति और भयावह हो सकती है।

Author: गौरव कुमार
जिला प्रभारी कासगंज