–तहसील स्याना के भगवानपुर गंगा में लग रहीं पालेज
–कीटनाशकों के छिड़काव से गंगा की पवित्रता खतरे में
स्याना। गंगा नदी के किनारे छोड़ी गई जमीन पर किसानों ने फसलें उगाना शुरू कर दिया है। हालांकि यह खेती क्षेत्र के किसानों के लिए आय का एक नया साधन बन सकती है, लेकिन इसके चलते गंगा नदी में प्रदूषण का खतरा तेजी से बढ़ गया है।
गंगा द्वारा छोड़ी गई जमीन पर भगवानपुर सहित अनेक गांव में सरकारी जमीन पर अवैध पालेज लगी हुई हैं। इनमें टमाटर, लौकी, खीरा आदि की खेती की जा रही है। हजारों बीघा में गंगा के बीच में लग रही पालेज में कीटनाशक दवाओं के छिड़काव के चलते गंगा के प्रदूषित होने का खतरा बना हुआ है। इस खेती में बड़े पैमाने पर कीटनाशकों और रासायनिक उर्वरकों का उपयोग किया जा रहा है। जब यह रसायन बारिश या सिंचाई के पानी के साथ बहकर गंगा में मिलते हैं, तो नदी का जल प्रदूषित हो जाता है। इससे न केवल गंगा की पवित्रता को नुकसान होगा, बल्कि जलजीवों और मानव स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर पड़ेगा। हालांकि किसान अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए इस जमीन को उपयोग में ला रहे हैं। लेकिन सूत्रों का कहना है कि किसानों से प्रति बीघा के हिसाब से अवैध वसूली कर राजस्व को भी चूना लगाया गया है।
फाउंडेशन ने दी चेतावनी
गंगा को स्वच्छ रखने के लिए सरकार के निर्देश का प्रशासन पालन कराए। गंगा की छोड़ी जमीन पर खेती से कीटनाशक दवाओं के चलते गंगा प्रदूषित होती है। यदि इस और ध्यान नहीं दिया गया तो आंदोलन किया जाएगा। -अनिल चौधरी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, नमामि गंगे जीवन धारा फाउंडेशन

Author: The Hindustan Times
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