स्याना। नगर के मौहल्ला बोबाशाही में समाजसेवी संजय रस्तौगी द्वारा आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का प्रसंग सुनाया गया। वृंदावन के कथाव्यास रघुनंदन शास्त्री महाराज ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव अपने आप में ही विशेष है। नंदोत्सव शरीर का नहीं बल्कि आत्मा का उत्सव है। उन्होंने बताया कि नंद के घर लाला भयो यह बात सुनकर ही हर घर आनंद आ जाता है। इसलिए इसे आनंदोत्सव कहा गया है। निर्धन भी नंदोत्सव सुनकर आनंद में भरकर नाचने लगते है। उन्होंने बताया कि भगवान कृष्ण बाल लीला करते हुए बृजवासियाें के चित को चुरा लेते है।
उन्होंने श्रद्धालुओं को नित्य नाम जप करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जब भी कभी मन में दोष प्रगट हो रहा हो तब उसी समय हाथ धोकर आसन लगाकर नाम जप करने बैठ जाओ। जब- जब ईष्या का भाव पैदा हो रहा हो तब नाम जप करें। कहा कि जिस भगवान का नाम ले रहे हो उसका चितंन करना भी जरूरी है। अगर हरे कृष्ण का नाम जप कर रहे हो तो भगवान कृष्ण की झांकी मन में आनी चाहिए। चिंतन के साथ नाम जप करेंगे तब वो उस दोष को मिटा देगा। इससे काम, क्रोध, लोभ, मोह घटने लगता है। नाम जप के प्रभाव से मन से दोष नहीं आएगा। प्रचंड दोष को घटाने के लिए नाम जप नित्य करें। कहा कि इस संसार में निर्दोष कोई हो ही नहीं सकता है। कलयुग में रह रहे लोगों में दोष रहेगा ही। लेकिन कर्तव्य है कि जन्म लिया है तो मृत्यु से पहले सारे दोष समाप्त करने होंगे। चौथे दिन मुख्य यज्ञमान तरुण रस्तौगी व नीरू रस्तौगी ने पूजन किया। इस दौरान कुलदीप शर्मा, अमिताभ रस्तौगी, पवन रस्तौगी, राजकुमार भुर्जी, अमित ठाकुर व रूपाली रस्तौगी आदि श्रद्धालु मौजूद रहे।

Author: The Hindustan Times
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