जहांगीराबाद। नगर जहांगीराबाद में अवैध कालोनियों का नेटवर्क जितना बड़ा है, कार्रवाई उतनी ही सुस्त है। जिला प्रशासन व नगर पालिका द्वारा केवल चुनिंदा कालोनियों पर ही कार्रवाई की जा रही है, जबकि जहांगीराबाद के चारों ओर अवैध कालोनियों का मकड़जाल साफ देखा जा सकता है। अवैध कालोनियों की बसाहट से सबसे ज्यादा नुकसान आमजन का है जो अपनी गाढ़ी कमाई को इन अवैध कालोनाइजरों को सौंप देते हैं और बाद में सड़क, बिजली व पानी के लिए परेशानी होने के साथ ठगी का शिकार हो जाते हैं। अवैध कालोनियों पर कार्रवाई करने के प्रशासन से लेकर नगर पालिका ने सूचियां तो बड़ी बड़ी तैयार की , लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। यही कारण है कि अवैध कालोनाइजर पनपते चले गए। कभी किसी बड़े हाइवे प्रोजेक्ट के आसपास प्राइम लोकेशन का लालच देकर लोगों को ठग रहे हैं। तहसील में जनसुनवाई हो या अफसरों के दफ्तर आए दिन शिकायतें पहुंच रहीं हैं। बता दें कि अवैध कालोनियों पर पहली बार कार्रवाई की शुरुआत नहीं की गई। इससे पहले भी कार्रवाई तो हुई, लेकिन कभी ठोस कार्ययोजना के साथ काम नहीं किया गया। आमजनों के द्वारा बसाई गई कालोनियों पर कार्रवाई कर रहा है लेकिन पूरे शहर में सैकड़ों अवैध कालोनियों पर जिला प्रशासन से लेकर पालिका प्रशासनों चुप बैठा हुआ है।
अवैध कालोनी बसाने वालों को संरक्षण भी
अवैध कालोनी बसाने वालों को सरंक्षण भी है क्योंकि खुलेआम अवैध कालोनी बना ली जाए और किसी को पता न चले यह संभव नहीं है। नगर पालिका का कर्मचारी हो या प्रशासन का पटवारी सबको सब पता रहता है। इधर एसडीएम स्तर के अधिकारियों से लेकर तहसीलदार व नायब तहसीलदार का पूरा नेटवर्क रहता है लेकिन अवैध कालोनी जब बस जाती है तभी क्यों पता चलता है। यह साफ है कि अवैध कालोनियों को लेकर सांठगांठ का खेल भी है।

Author: Sachin Verma
Reporter : Unchagaon/Narsaina