हाथरस। लोकसभा में विपक्ष के नेता कांग्रेस सांसद राहुल गांधी दुष्कर्म पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए आज गुरुवार हाथरस पहुंचे थे। दुष्कर्म पीड़िता के परिवार ने राहुल से मिलने की इच्छा जताई थी, जिसके बाद राहुल आज मुलाकात के लिए बुलगढ़ी गांव पहुंचे थे। राहुल गांधी ने दुष्कर्म पीड़िता के परिवार से मुलाकात की। राहुल ने दुष्कर्म पीड़िता के परिवार से बंद कमरे में अधे घंटे ज्यादा से ज्यादा देर तक बातचीत की और इसके बाद दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
इस दौरान राहुल गांधी के साथ कई कांग्रेसी नेता मौजूद थे। पीड़ित परिवार ने बताया कि जो वादे उनसे किए गए थे, वो आज तक पूरे नहीं किए गए। हर समय घर पर पुलिस का पहरा रहता है, जिसके कारण वे पिछले 4 सालों से कैद में रह रहे हैं।
जानकारी सामने आई है कि पीड़ित परिवार ने राहुल गांधी से एसडीएम की शिकायत की है। शिकायत के बाद राहुल गांधी ने एसडीएम को तलब किया, लेकिन एसडीएम नहीं आए। इसके बाद एसडीएम को फोन मिलाकर बात कराई गई। इसके बाद राहुल पीड़ित परिवार से मिलकर हाथरस से निकल गए। इस दौरान राहुल ने मीडिया से कोई बात नहीं की, जिस समय पीड़ित परिवार से राहुल मिले, उस दौरान किसी को अंदर नहीं जाने दिया गया।
इससे पहले राहुल गांधी के हाथरस दौरे पर उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने हमला बोला था। डिप्टी सीएम ने कहा कि राहुल गांधी लोगों को भड़काना चाहते हैं। राहुल गांधी आप में निराशा की भावना है। आप हताशा के शिकार हैं। आपको यह भी नहीं पता कि हाथरस मामले की जांच सीबीआई ने कर दी है। मामला कोर्ट में चल रहा है। आज उत्तर प्रदेश इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में, कानून व्यवस्था के मामले में नंबर 1 राज्य बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। पूरे देश में उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था की चर्चा होती है।
डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि आज हम कह सकते हैं उत्तर प्रदेश में औद्योगिक क्रांति आ रही है, जबकि आप उत्तर प्रदेश को अराजकता की आग में, दंगों की आग में झोंकना चाहते हैं। कृपया ऐसा न करें। मेरा आपसे अनुरोध है कि उत्तर प्रदेश पूरे देश में नंबर 1 राज्य बनने के लिए तैयार हो रहा है। आप पहले मनन करें, अध्ययन करें और सोचे कि क्या करना है। आए दिन आपकी ऊल-जलूल हरकतों से जनता तंग आ चुकी है।
राहुल गांधी के अचानक हाथरस आने की सूचना के बाद प्रशासन ने बुलगढ़ी गांव में डेरा डाल दिया। पीड़ित परिवार को सरकार की घोषणा के मुताबिक सरकारी आवास और नौकरी नहीं मिली। इन घोषणाओं को पूरी करने का मामला न्यायालय में विचाराधीन है। इस केस में दो मार्च 2023 को कोर्ट का फैसला आ चुका है। विशेष न्यायालय एससी-एसटी एक्ट की अदालत ने इस मामले में आरोपी 4 युवकों में से 3 को बरी कर दिया था और एक आरोपी संदीप को आजीवन कारावास तथा 50 हजार जुर्माने की सजा सुनाई थी।इस फैसले के बाद से पीड़ित पक्ष संतुष्ट नहीं है। वकील का कहना था कि वह इस फैसले को लेकर हाई कोर्ट में अपील करेंगे। इसमें कहीं न कहीं कुछ न कुछ हुआ है। तब बिटिया की भाभी ने भी कोर्ट के निर्णय पर संतुष्टि नहीं जताई थी। उसका कहना था कि वह चारों की सजा पर ही संतुष्ट होंगे और मृतका की अस्थियों का विसर्जन तभी करेंगे। बिटिया के परिजन भी इस फैसले को लेकर हाई कोर्ट में अपील कर चुके हैं।
बताते चलें कि 14 सितंबर 2020 को हाथरस के कोतवाली चंदपा क्षेत्र के बुलगढ़ी गांव में एक दलित युवती के साथ दरिंदगी हुई थी और उसे जान से मारने की कोशिश हुई थी। इलाज के दौरान युवती ने 29 सितंबर 2020 को अपना दम तोड़ दिया था। इस मामले के गांव के चारों आरोपी युवक जेल भेजे गए थे। सीबीआई ने मामले की जांच करके चारों के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की थी, जिस पर सुनवाई के बाद यह निर्णय आया था। सीआरपीएफ की टुकड़ी रोजाना की तरह परिवार की सुरक्षा में रहती है। पीड़ित परिवार घटना के बाद से ही गांव के बाहर सरकारी आवास और सरकारी नौकरी की मांग कर रहा था, लेकिन शासन की ओर से अभी तक परिवार को यह मदद नहीं दी गई है।

Author: The Hindustan Times
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