कासगंज: 09 नवंबर को कासगंज के कोतवाली सोरों क्षेत्र में गंगा नदी में मृत गोवंश के अवशेष मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई। घटना की जानकारी मिलते ही बजरंग दल के कार्यकर्ता और ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। बजरंग दल ने तुरंत जिले के डीएम और एसपी को इसकी सूचना दी। जिसके बाद आला अधिकारियों के निर्देश पर पुलिस मौके पर पहुंची और सभी मृत गोवंश के शवों को नदी से निकालकर उनका अंतिम संस्कार कराया। पुलिस मामले का जांच कर रही है कि यह शव नदी में कैसे पहुंचे।
शनिवार को गंगा नदी में चार गोवंश के शव मिलने की खबर मिलते ही हिंदू-वादी संगठनों के नेता और दर्जनों ग्रामीण गुस्से में मौके पर पहुंचे। उनका कहना है कि पिछले 6 महीनों से लगातार गंगा में गोवंश के शव मिल रहे हैं। जिसकी सूचना कई बार पुलिस को दी गई, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों ने पुलिस पर आरोप लगाया कि शिकायत करने पर उन्हें धमकाया जाता है। मामले के तूल पकड़ते ही सीओ सदर आंचल चौहान पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंची और घटनास्थल का निरीक्षण किया। इसके बाद सभी मृत गौवंशों के शवों को गड्ढा खोदकर उनका अंतिम संस्कार कराया गया। बजरंग दल के विभाग संयोजक अमरीश वशिष्ट ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। जिससे ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को जब इस तरह की जानकारी मिली तो वह आक्रोशित दिखाई दिए। कासगंज में गोकशी के इस मामले को लेकर कार्यकर्ताओं में काफी नाराजगी थी और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे थे। बाद में कार्यकर्ताओं ने अज्ञातों के विरुद्ध सोरों कोतवाली पुलिस को तहरीर दे दी है। सीओ सिटी आंचल चौहान ने बताया कि एक गोवंश का सिर मिला है और अवशेष अधिक हैं। लगभग 4 से 5 गोवंश के अवशेष रहे होंगे। इन सभी को पशु चिकित्सा विभाग की टीम अपने साथ ले गई और पोस्टमार्टम कराया गया है। उन्हें दफना दिया गया है।
गौवंश अवशेष मामलाः भाकियू स्वराज और बजरंग दल के कार्यकर्ता आए आमने-सामने
गोवंश मामले में पुलिस ने दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। भारतीय किसान यूनियन स्वराज का आरोप था कि पुलिस ने जानबूझकर निर्दोष किसानों को फसाने के लिए गिरफ्तार कर लिया है। उन दोनों लोगों को छुड़ाने के लिए सोरों थाने पर भारतीय किसान यूनियन स्वराज के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने घेराव कर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। वहीं, मौके पर पहुंचे बजरंग दल विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने संदिग्धों को छुड़वाने को लेकर भारतीय किसान यूनियन स्वराज का विरोध किया और पुलिस प्रशासन जिंदाबाद के नारे लगाये। भारतीय किसान यूनियन स्वराज और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं में टकराव की स्थिति को देखते हुए सीओ कासगंज और सीओ सहावर ने कई थानों के पुलिस बल के साथ सोरों थाना पर पहुंच कर कड़ी मशक्कत के बाद दोनों पक्षों को समझा बुझाकर शांत कराया।

Author: Akshit Agarwal
सीनियर एडिटर