बुगरासी। अहोई अष्टमी का पावन पर्व गुरुवार क्षेत्र भर में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया। इस विशेष अवसर पर माताओं ने अपने पुत्रों की लंबी आयु, समृद्धि और सुख-समृद्धि की कामना के लिए व्रत रखा। इस दिन विशेष रूप से संतान की मंगलकामना के लिए माताओं ने निर्जला उपवास रखा।
अहोई अष्टमी के पावन पर्व पर सुबह से ही मंदिरों में पूजन की तैयारियां की गईं और महिलाएं अपने घरों में भी अहोई माता की पूजा अर्चना में लीन रहीं। पूजा के दौरान माताओं ने अहोई माता की तस्वीर के सामने दीप जलाकर कथा सुनी और संतान की सुख-समृद्धि और कल्याण की प्रार्थना की। इस दिन को खासतौर पर उन माताओं के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है, जिनके बेटे होते हैं, क्योंकि यह व्रत पुत्रों की खुशहाली और दीर्घायु के लिए किया जाता है।
शाम को तारे निकलने के बाद माताओं ने अपना व्रत खोला और परिवार के साथ भोजन ग्रहण किया। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अहोई अष्टमी का व्रत संतान की सभी परेशानियों को दूर करता है और उनके जीवन में खुशहाली लाता है।

Author: Abhishek Agarwal
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