स्याना। गुरुद्वारा श्री गुरुनानक दरबार में गुरु ग्रंथ साहिब का पहला प्रकाशोत्सव धूमधाम से मनाया गया। ज्ञानी बलवंत सिंह व ज्ञानी ब्रजपाल सिंह के जत्थों द्वारा गुरुवाणी व शब्द कीर्तन किया गया। इस दौरान गुरुद्वारा गुरु सिंध सभा अध्यक्ष सरदार तेजेन्द्र सिंह ने कहा कि गुरु ग्रंथ साहिब का पहला प्रकाशपर्व 1604 ईसवीं में स्वर्ण मंदिर अमृतसर में एक सितंबर को हुआ था। जिसमें बाबा बुड्डा जी को हैड ग्रंथी नियुक्त किया गया था। गुरु ग्रंथ साहिब की रचना सिक्खों के पांचवे गुरु अर्जुन देव जी ने भाई गुरुदास जी से करायी थी। सम्पूर्ण गुरु ग्रंथ साहिब में 1630 अंग हैं, जिसमें सभी धर्मों के गुरुओं व भक्तों की वाणी दर्ज हैं। इस दौरान संगतों में गुरु का लंगर व मिष्ठान का वितरण किया गया। सरदार कुलवंत सिंह, खेम सिंह, अमृत, काले, गोलू, सिमरन व गुरप्रीत सिंह आदि मौजूद रहे।

Author: Akshit Agarwal
सीनियर एडिटर