लाओस बैठक में मौजूद भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर।
वियनतियानेः आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान आज समुद्री विवाद और म्यांमार संकट पर बड़ी बैठक होने जा रही है। दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के शीर्ष राजनयिकों ने दक्षिण चीन सागर में क्षेत्रीय दावों को लेकर बढ़ते तनाव और म्यांमा में तेज होती लड़ाई के बीच लाओस की राजधानी में तीन दिवसीय क्षेत्रीय वार्ता के तहत आज अपने शक्तिशाली संवाद साझेदारों के साथ बैठक बुलाई है। इस बैठक अमेरिका, चीन, रूस, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया सहित दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संघ (आसियान) के सहयोगी अपने संबंधों को मजबूत करने और प्रमुख सुरक्षा मुद्दों तथा अन्य क्षेत्रीय मामलों पर चर्चा करेंगे।
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन आसियान के विदेश मंत्रियों से बैठक करने के लिए शनिवार को लाओस की राजधानी वियनतियाने पहुंचे। उनके इस बैठक से इतर चीन के अपने समकक्ष वांग यी से भी मुलाकात करने की संभावना है। लाओस के विदेश मंत्री सेलुमक्से कोमासिथ ने चीन, जापान और दक्षिण कोरिया के साथ दिन की पहली बैठक की शुरुआत करते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि ‘आसियान प्लस थ्री’ नामक सहयोग ढांचा ‘‘हमारे क्षेत्रीय एकीकरण और आर्थिक लचीलेपन को बढ़ावा देता रहेगा तथा यह सुनिश्चित करेगा कि हमारी आपूर्ति शृंखला बरकरार रहे।’’
दक्षिण चीन सागर पर है बड़ा विवाद
आसियान के सदस्य देश वियतनाम, फिलीपीन, मलेशिया और ब्रूनेई का दक्षिण चीन सागर की संप्रभुत्ता को लेकर चीन से विवाद है। चीन अक्सर पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है। वहीं, म्यांमा में सेना ने फरवरी 2021 में आंग सान सूकी की निर्वाचित सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया था और लोकतांत्रिक शासन की बहाली की मांग करने वाले कई अहिंसक प्रदर्शनों को कुचल दिया था, जिससे देश में हिंसा तथा मानवीय संकट बढ़ रहा है। (एपी)
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Author: The Hindustan Times
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