खबर पल पल की

April 30, 2025 7:19 pm

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डासना जिला कारागार में 19 वर्षीय शिवम ने की आत्महत्या

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-गाजियाबाद जेल में मृतक रेप का था आरोपी

–लड़की के मां-बाप के नाम बताया जा रहा सुसाइड नोट

–जिसे भगाकर ले गया उससे माफी भी मांगी

–पुलिस और पीड़िता पर रुपए की मांग पूरी नहीं करने पर फंसाने के आरोप

बुगरासी। गाजियाबाद की डासना जेल में मंगलवार रात एक बंदी ने बिजली के तार से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। ये बंदी रेप और पॉक्सो एक्ट के मामले में करीब 14 दिन पहले ही जेल में आया था। बताया जा रहा है कि मरने से पहले युवक ने एक सुसाइड नोट भी लिखा है, जिसमें मरने का कारण लड़की के मां-बाप को बताया है। जिस लड़की को भगाने के केस में जेल गया, सुसाइड नोट में उससे माफी भी मांगी है। मृतक की पहचान गांव रवानी कटीरी निवासी 21 साल के शिवम राजपूत के रूप में हुई है। जेल प्रशासन ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवा दिया है।

बिजली ऑफिस में पंखे पर लटका शिवम

शिवम राजपूत का शव बिजली आफिस में पंखे पर लटका मिला है। बिजली के तार का गले मे फंदा बना हुआ था। जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा के अनुसार शिवम राजपूत बुलंदशहर जिले में नरसैना थाना क्षेत्र का रहने वाला था। 10 सितंबर 2024 को हापुड़ जिले की पिलखुवा थाना थाना पुलिस ने उसे रेप और पॉक्सो एक्ट के आरोप में जेल में दाखिल किया था। मंगलवार रात करीब 10 बजे के आसपास लाइब्रेरी वाले एरिया के सटे बिजली ऑफिस के अंदर शिवम केबिल से पंखे के सहारे फांसी पर लटका हुआ था। जब तक जेलकर्मियों की नजर पड़ी, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। वीडियोग्राफी कराकर शव को नीचे उतारा गया। तत्काल लोकल थाना पुलिस को बुलाया गया। पुलिस ने पंचनामा भरकर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।

फ़ाइल फोटो शिवम

केस की जांच शुरू कर
जेल प्रशासन ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाकर केस की जांच शुरू कर दी है।

नाबालिग को भगा ले जाने तथा रेप का आरोप

पुलिस जांच में पता चला है कि बीते महीने शिवम राजपूत 12 साल की नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर ले गया था। पुलिस ने लड़की बरामद करते हुए शिवम को गिरफ्तार किया। लड़की के बयानों में रेप की बात सामने आई। इसके बाद पिलखुवा थाना पुलिस 10 सितंबर को ने उसको जेल भेजा था।

लड़की के मां-बाप को बताया सुसाइड का जिम्मेदार

बताया जाता है कि मरने से पहले शिवम ने दो पेज का एक सुसाइड नोट छोड़ा है। ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं होने से शिवम ने भाषा स्पष्ट नहीं लिखी है। इसमें शिवम ने खुद को जेल भिजवाने के लिए लड़की के मां-बाप को जिम्मेदार ठहराया है। उसने सुसाइड नोट में उन दोनों को सास-ससुर कहकर संबोधित किया है। वो ये कहना चाहता था कि लड़की इस मुकदमे को लिखवाने के लिए तैयार नहीं थी, लेकिन सास ने उससे जबरन बयान दिलवा दिया। इसी वजह से आज वो जेल में है। सुसाइड नोट के अंत में शिवम ने लड़की से माफी भी मांगी है।

पुलिस और पीड़िता के परिवार पर जबरन फंसाने के आरोप
शिवम राजपूत की मौत की सूचना के बाद परिजन गाजियाबाद की डासना जेल पर पहुंचे हैं। परिजनों का आरोप है कि लड़कीवालों और पुलिस ने रुपए मांगे थे। मांग पूरी नहीं होने पर शिवम के खिलाफ झूठी गवाही दिलाकर जेल भेजा गया। आरोप है कि ये पूरा मामला छिजारसी पुलिस चौकी इंचार्ज द्वारा षड़यंत्र रचकर फंसाया गया है। पूरे केस की तफ्तीश भी चौकी इंचार्ज ने की। चौकी इंचार्ज पर एक लाख रुपए और पीड़ित लड़की पर दो लाख रुपए मांगने का आरोप लगाया गया है। डिमांड पूरी नहीं कर शिवम के खिलाफ झूठे बयान दिलाकर उसे जेल भेज दिया गया। शिवम झूठे केस को बर्दाश्त नहीं कर पाया और मानसिक प्रताड़ित होकर उसने आत्महत्या का कदम उठा लिया।

मुलाकात में दिए पांच हजार भी गायब

परिजनों का आरोप है कि उन्होंने शिवम से जेल में मुलाकात की थी। उस समय शिवम को पांच हजार रुपए दिए थे। पांच हजार कहां गए उनका पता ही नहीं है।

Abhishek Agarwal
Author: Abhishek Agarwal

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