नरसेना। गर्मी का असर जंगली जानवरों पर भी पड़ने लगा है। गर्मी बढ़ते ही पानी की तलाश में जंगली जानवर आबादी की ओर रुख करने लगे हैं। बीती रात नरसेना क्षेत्र में हिरन की संदिग्ध हालत में मौत हो गई। शव सड़क किनारे पड़ा मिला। शरीर पर चोट के निशान पाए गए हैं। वन विभाग की टीम ने शव का पोस्टमार्टम कराकर दफना दिया।
क्षेत्र में गंगा किनारे जंगलों में बारहसिंघा, तेंदुआ, लकड़बग्घा और हिरन की कई दुर्लभ प्रजातियों का प्राकृतिक वास है। जलवायु परिवर्तन, वनों के कटान और मानवीय दखल के चलते जंगली जानवर आबादी की ओर रुख कर रहे हैं। सोमवार की देर रात्रि क्षेत्र के गांव पाली आनंद गढ़ी में जहांगीराबाद दौलतपुर कलां रोड के समीप हिरन संदिग्ध हालत में मृत पड़ा मिला। हिरन के शरीर पर कुछ चोट के निशान भी मिले हैं। डिप्टी रेंजर प्रमोद कुमार टीम को लेकर मौके पर पहुंचे और हिरन के शव को कब्जे में लिया। मंगलवार की सुबह हिरन के शव का पोस्टमार्टम पशु चिकित्सक ने किया। इसके बाद शव दफना दिया। वन विभाग की टीम ने मौके पर जांच पड़ताल भी की है। हिरन की मौत पर पर्यावरण प्रेमी प्रदीप कुमार शर्मा ने दुख प्रकट किया है और क्षेत्र के दुर्लभ वन्यजीवों के संरक्षण की मांग की है।
डिबाई क्षेत्र में एक सप्ताह पहले भी हुई थी हिरन की मौत
एक सप्ताह पहले डिबाई क्षेत्र के गांव बिलोना रूप में भूख प्यास व्याकुल होकर जंगल से भटक कर गांव की ओर आ गया था। जिसे को कुत्तों ने घेर कर घायल कर दिया था। उपचार के दौरान हिरन की मौत हो गई थी।
कोट –
मृत हिरन सांभर प्रजाति का है। सड़क हादसे में मौत हुई है। पोस्टमार्टम कराया गया है।
– विनीता सिंह, डीएफओ बुलंदशहर

Author: The Hindustan Times
Admin@The hindustan times