बुलन्दशहर। विकास भवन बुलंदशहर के सभागार में अंतराष्ट्रीय महिला दिवस संध्या पर उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन तथा महिला कल्याण विभाग एवं पंजाब नेशनल बैंक के सयुक्त तत्वाधान में नारी शक्ति को समर्पित सम्मान समारोह एवं कवि सम्मलेन आज शाम महिलाओं के नाम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्य विकास अधिकारी कुलदीप मीना एवं अध्यक्षता सुधा गोयल वरिष्ठ कवियत्री भूतपूर्व प्राचार्या द्वारा की गयी। सर्व प्रथम मुख्य अतिथि सीडीओ द्वारा नारी शक्ति दीप दीप प्रज्ज्वलित कर मां शारदे का वंदन किया गया। महिलाओं में भी वंचित वर्ग की महिलाओं के स्वयं सहायता समूह में उत्कृष्ट एवं साहसी प्रेरणादायी कार्य करने वाली महिलाओं को, जिसमे निरथित (विधवा) दीदी थी मती कौशल तोमर मा दुर्गे स्वयं सहायता समूह, बराल, रिया वृद्ध समूह से उपा देवी, मीनू दिव्यांग समूह से मीनू दिव्यांग दीदी, खुशालपुर गुलाबटी 21 समूहों को देख रही ग्राम संगठन पहासू की ग्राम बुडासी से रीना देवी आदि को बेस्ट सोशल इन्क्लुजन बुलंद महिला शक्ति अवार्ड 2025, बुलंदशहर से तथा युवा नवोदित कवि संगीता, पूजा कृष्णा अनुराग तिवारी, अभिषेक विश्नोई को भी सम्मानित किया गया। सूबेदार सिंह उपायुक्त स्वत: रोजगार के कमलो द्वारा समूहों को समूह पंजीकरण प्रमाण पत्र का भी वितरण भी किया गया। महिला विकास अधिकारी रुचिका, जिला मिशन प्रबंधक एस आई एस डी मनीष कुमार जैन की उपस्थिति ने कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की।
इस अवसर पर नगर की कवयित्री और कवियों, साहित्यकारों ने नारी शक्ति का आवाह्न करती रचनाओं ने कार्यक्रम को विशिष्ट ऊंचाइयां प्रदान की। नगर के प्रतिष्ठित साहित्यकार कवि विद्या वाचस्पति आचार्य देवेन्द्र कुमार देव साहब, प्रतिष्ठित साहित्यकार देवेंद्र देव मिर्जापुरी, सुप्रसिद्ध कथाकार मती सुधा गोयल, डॉ. समोद सिंह कमांडो, साहित्यकार मधु वाष्र्णेय जी, रचनाकार कुंतेश दहलान जी, साहित्यकार संगीता अहलावत, प्राचार्या कवयित्री मधु मिश्रा, कवयित्री नीरज शर्मा के अलावा नवोदित शौर्य कवि अनुराग तिवारी, संगीता तोमर, पूजा चौधरी ने अपनी रचनाओं से मंत्रमुग्ध कर दिया। अध्यक्षता सुधा गोयल ने अपने आशीर्वचनों से की।
युवा कवि अनुराग तिवारी की प्रश्न करती रचना
क्यों नारी नहीं सुरक्षित है ?
यह प्रश्न खड़ा चौराहों पर प्रशंसनीय रही।
संगीता तोमर की रचना..
नारी नहीं जहान हूं
भारत की शान हूं
नवोदित कवयित्री पूजा चौधरी
की रचना…
घर आंगन की मुस्कान है नारी
रुचिका जी की कविता…
बेटी हो तुम बहन हो तुम सृष्टि का आधार हो तुम।
मनीष की रचना जो निराश्रित (विधवा) महिला विषय पर
नाथ क्या गया मैं अनाथ हो गयी मैं क्या रोई सारी दुनिया सो गयी …..
मैं विधवा फिर जिउंगी स्वाभिमान से, बदलाव की पहल करूंगी अभिमान से……. साथ ही उपस्थित अन्य गण मान्य कवियों द्वारा आज शाम महिलाओं के नाम पर प्रभावशील समाज के महिला के सामाजिक समस्या समाधान पर रचनाये जो गढ़ी थी वो पड़ी गयी।
कवियत्री नीरजा शर्मा की रचना मुझको तेरा प्यार मिले
कवियत्री मधु जी की रचना जब जब दुनिया ने नारी को अजमाया है।
मधु वाष्र्णेय जी कविता शब्दों में शब्द रच रही स्त्रिया, कृत कर्तव्यों को कर रही स्त्रिया
देवेन्द्र मिर्जापुरीं की रचना हे नारी तुम कोमलता की पराकाष्ठा हो जग में
समोद सिंह कमांडो जी रचना आप मेरे गाँव में आके देख लो बेटिया आसमान चूम रही।
आचार्य देव की सुमधुर रचना तुमने उड़ उड़ कर सक्त हवाओ से इतने ऊँचे अम्बर को लाँघ लिया।
अध्यक्षीय उद्बोधन में अपनी सुधा गोयल में स्त्री कोई खिलौना नहीं जो तुम अपनी मर्जी से तोड़ मरोड़ सको,
सहित अन्य कवि साहित्यकार बंधुओ बहनों द्वारा अपनी रचनाये प्रस्तुत की।
अंत में अतिथियो के करकमलो नारी शक्ति को समर्पित कवि व कवयित्रियों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित.. स्वयं सहायता समूह द्वारा सामाजिक विकास कार्यक्रम को ऊंचाइयां देने वाली महिलाओं को प्रतीक चिन्ह अंगवस्त्र, प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम संचालन एन आर एल एम जिला मिशन प्रबंधक मनीष कुमार जैन एवं आभार महिला विकास अधिकारी रुचिका के द्वारा किया गया।

Author: The Hindustan Times
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