स्याना। मंगलवार को बार एसोसिएशन के बैनर तले अधिवक्ताओं ने तहसील कार्यालय में धरना प्रदर्शन किया व राष्ट्रपति के नाम नायब तहसीलदार बालेश्वर शर्मा को ज्ञापन सौंपकर केंद्र सरकार द्वारा अधिवक्ता अधिनियम संशोधन बिल 2025 को अधिवक्ता विरोधी बताते हुए अविलंब वापस लेने की मांग की है। बार एसोसिएशन अध्यक्ष प्रदीप कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा अधिवक्ता अधिनियम में जो संशोधन किए गए हैं। वह पूर्णत: अधिवक्ता विरोधी है। क्योंकि अधिवक्ता ही सरकार की गलत नीतियों एवं निर्णय के विरोध में वादकारियों के माध्यम से पीआईएल आदि के माध्यम से सक्षम न्यायालय में वाद योजित करते हैं। इसको रोकने के उद्देश्य से उपरोक्त बिल में अधिवक्ताओं के अधिकारों का शोषण करने के उद्देश्य से अनेक संशोधन किए हैं। अधिवक्ताओं को अपने अधिकारों की लड़ाई के लिए की जाने वाली हड़ताल पर पूर्णत: रोक लगाई गई है। जोकि विधि विरुद्ध है। यदि कोई भी झूठा प्रार्थना पत्र अधिवक्ता के विरुद्ध देता है तो उसमें अधिवक्ता पर तीन लाख रुपये का जुर्माना तथा अन्य प्रावधान हैं। ज्ञापन में अधिवक्ता विरोधी इस बिल को अविलंब वापस लेने की मांग की है। इस दौरान बार एसोसिएशन सचिव अजीत सिरोही, नीरज रावल, नीरज गोयल, विजय लोधी, अरबाज खान, पंकज त्यागी व मनोज त्यागी आदि मौजूद रहे।

Author: Pawan Kumar
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