हापुड़। 6 फरवरी को आर्य कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, हापुड़ में संस्कृत विभाग की अध्यक्षा प्रो.संगीता अग्रवाल की अध्यक्षता में “वर्तमान परिप्रेक्ष्य में महाकुंभ की प्रासंगिकता” विषय पर अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष पुष्प अर्पित एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित डॉ. साधना सहाय (सेवानिवृत्त, पूर्व प्राचार्या, इस्माईल गर्ल्स पी. जी. कॉलेज, मेरठ, तथा ‘साहित्यामृतम्’ शोध पत्रिका की मुख्य संपादिका) ने अपने वक्तव्य में आज के डिजिटल युग में महाकुंभ की प्रासंगिकता को अपने अकाट्य तर्कों द्वारा पुष्ट किया तथा अध्यात्म एवं आस्था को मानव जीवन में सर्वोपरि माना।
कार्यक्रम की अध्यक्षा प्रोफेसर संगीता अग्रवाल ने विरासत से चले आ रहे सांस्कृतिक आस्था के पर्व महाकुंभ की वैज्ञानिक तथा आस्था दोनों ही दृष्टि से विस्तार पूर्वक चर्चा की।
महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोफेसर साधना तोमर ने अपने संबोधन भाषण में 144 वर्ष पश्चात लगने वाले महाकुंभ की पौराणिक कथाओं के अंतर्गत चर्चा की तथा आस्था के इस महापर्व को भारतीय ज्ञान परंपरा के परिप्रेक्ष्य में व्याख्यायित किया।
कार्यक्रम का संचालन अत्यंत कुशलता पूर्वक श्रीमती विनिता पारस ने किया। कार्यक्रम में प्रोफेसर अरुणा शर्मा, प्रोफेसर जया शर्मा, प्रोफेसर करुणा गुप्ता, प्रोफेसर अमिता शर्मा, प्रोफेसर सरोजिनी, डॉ. नीशू यादव आदि प्राध्यापिकाएं तथा छात्राएं उपस्थिति रहीं। कार्यक्रम की समाप्ति पर डॉ. मीनू वर्मा ने सभी का हृदय से धन्यवाद ज्ञापन किया।

Author: Ajay Garg
Sr. Correspondent