स्याना। उत्तर प्रदेश के जनपद बुलंदशहर की तहसील स्याना में सोमवार को तहसील कार्यालय में भाकियू टिकैत के कार्यकर्ताओं ने नई राष्ट्रीय कृषि व्यापार नीति की प्रतियां जलाई तथा एसडीएम गजेंद्र सिंह को ज्ञापन सौंपकर केंद्र सरकार से नई राष्ट्रीय कृषि व्यापार नीति को निरस्त करने की मांग की। भाकियू तहसील अध्यक्ष केडी त्यागी ने कहा कि कृषि व्यापार पर जारी की गई मसौदा नीति की रूपरेखा वर्ष 2021 में निरस्त किए गए तीन काले कृषि कानूनों से भी अधिक खतरनाक है। यदि इस नीति को लागू किया जाता है तो यह किसानों, मजदूरों, छोटे उत्पादकों व व्यापारियों को बर्बाद कर देगी। यह नीति मौजूदा कृषि मंडियों को एकीकृत राष्ट्रीय बाजार में बदलने का प्रस्ताव करती है। इसका उद्देश्य कृषि उपज को कॉर्पोरेट घरानों के हाथों में देने का है। इस नीति से देश भर में फैली पंजीकृत मंडियों से आढतियों, छोटे व्यापारियों तथा मजदूरों को एक झटके में बाहर कर दिया जाएगा तथा प्राइवेट मंडियां स्थापित हो जाएंगी। इस पालिसी के लागू होने से कांट्रेक्ट फार्मिंग का काला कानून फिर से अस्तित्व में आ जाएगा। फसलों की सरकारी खरीद बंद हो जाएगी अर्थात एमएसपी पर खरीद व मंडियां भी नहीं रहेंगी। जिससे बाजार में उतार चढ़ाव की स्थिति बनी रहेगी अर्थात फसल के टाइम पर भाव पिट जाएंगे तथा जमाखोरी के बाद उपभोक्ताओं को उच्च दामों पर अनाज, दाल तथा ख़ाद्य तेल बेचे जाएंगे, जिस कारण किसानों और उपभोक्ताओं दोनों वर्गों को भारी नुकसान होगा। इस दौरान भाकियू जिला प्रभारी तेजवीर सिंह, कैप्टन बिशन सिंह सिरोही, ऋषिपाल सिंह, नरेशचंद, राजवीर व रहीसुद्दीन आदि मौजूद रहे।

Author: The Hindustan Times
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