–जिला कृषि अधिकारी कासगंज धान फसल सुरक्षा के बताए उपाय।
कासगंज। जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि वर्तमान समय में अगेती धान फसल की कटाई शुरू हो चुकी है, लेकिन अभी लेट बुआई के कारण बहुत खेतों में धान की फसल कच्ची होने की वजह से कटाई करने में कुछ समय और लगेगा। जो फसल अभी खड़ी हुई है उसमे एक विशेष प्रकार का कीड़ा लग सकता है।
सभी किसान भाइयों को बता दें, आपने ध्यान दिया होगा तो रात मे जलती हुई लाइट/बल्ब के नीचे बहुत सारे भुनगा/कीट देखे होंगे, जिसका अर्थ है कि इस समय इस कीट की संख्या आर्थिक क्षति स्तर से ऊपर पहुंच गई है। यह कीट धान की फसल को बहुत अधिक नुकसान पंहुचा सकता है। इस कीट के अधिक प्रकोप की दशा मे 72 घंटे के अंदर फ़सल को भारी क्षति हो सकती है। इस कीट कों भूरा फुदका या ब्राउन प्लांट हॉपर कहते है और यह कीट उपयुक्त दशा मे अपनी संख्या मे बहुत तेजी से वृद्धि कर धान के पौधों के रस को ज़मीन की सतह से चूस कर एकदम से सूखा देता है और ऐसा लगता है कि जैसे पौधे जल गए है। इस कीट का प्रकोप पैचेज/पॉकेट मे होता और इसका प्रकोप बाहर की तरफ बढ़ता जाता है।
वर्तमान समय में धान की अगेती प्रजाति की कटिंग शुरू हो चुकी है, लेकिन अभी खेतों में जो धान की फसल खड़ी है, उनमें एक कीट दिखाई दे रहा है, जिसका रंग भूरा व आकार छोटे मच्छर की तरह होता है. यह कीट धान की जड़ मे ज़मीन के पास रहता है और ज़ब धान के पौधे को जड़ तक फैला कर देखते है तो यह कीट उड़ता हुआ दिखाई देगा और पौधों की जड़ों में चिपचिपा द्रव जैसा लगा होगा। यह कीट धान के पौधों का रस चूस लेता है और खेत के बीच में रिग की तरह गोल-गोल जला सा दिखाई देता है। इस कीट का प्रकोप बाली निकलने के बाद से फ़सल कटाई तक हो सकता है। यदि इस कीट का प्रकोप धान की फ़सल मे दिखाई देता है तो बिप्रोफेंजीन 25 %ई सी 250 एमएल /एकड़ अथवा थायोमेथाक्जाम 25 % डब्लू जी की 100 ग्राम/एकड़ दवा को 200-250 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करे।

Author: Akshit Agarwal
सीनियर एडिटर