गाजियाबाद। गाजियाबाद निवासी योगेश त्यागी की जिन्दगी बदल गई है। रोबोटिक, बैरिएट्रिक और लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. आशीष गौतम ने सफलतापूर्वक रोबोटिक बैरिएट्रिक सर्जरी कर उनका 82 किलोग्राम वजन कम कर दिया है। योगेश मोटापे से उत्पन्न गंभीर समस्याओं से घिरे थे और उनके लिए चलना-फिरना भी कठिन था। लेकिन आज योगेश शरीर से सक्रिय हैं और आत्मनिर्भर जीवन का आनंद ले रहे हैं।
सर्जरी से पहले योगेश का वजन 170 किलोग्राम था और वे 82 किलोग्राम वजन कम करने में सफल रहे हैं। योगेश न सिर्फ वजन कम करने बल्कि मधुमेह, उच्च रक्तचाप और ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया सहित मोटापे से संबंधित कई स्वास्थ्य समस्याओं से उबर रहे हैं। उनकी सारी समस्याएं अब ठीक हो रही हैं।

योगेश का इस सर्जरी से पहले वजन 170 किलोग्राम से अधिक था। इसलिए चंद कदम चलने में भी सांस लेने में तकलीफ होती थी और निजी दिनचर्या के लिए भी पूरी तरह दूसरों पर निर्भर रहते थे। उन्होंने जिन्दगी के कठिन दौर को याद करते हुए बताया, ‘‘मैं हमेशा थका हुआ महसूस करता था। कुछ कदम चलने पर भी मेरी सांस फूल जाती थी। मैं सीढ़ियाँ नहीं चढ़ सकता था। खुद से स्नान तक नहीं कर सकता था। मुझे हर चीज़ में मदद की ज़रूरत होती थी।’’
डॉ. आशीष गौतम से परामर्श के बाद उनकी जिन्दगी बदलने लगी। डॉक्टर गौतम ने उन्हें रोबोटिक बैरिएट्रिक सर्जरी की सलाह दी, जिसमें बहुत कम चीरा लगाया जाता है। इससे न सिर्फ वजन काफी कम करने में मदद मिलती है बल्कि जीवन की गुणवत्ता भी बढ़ती है। सर्जरी के बाद योगेश अब प्रतिदिन 2 किलोमीटर तक चल सकते हैं। वे बिना किसी सहायता के 4-5 मंजिल चढ़ सकते हैं और अपनी दिनचर्या के काम में आत्मनिर्भर हैं। उन्होंने डॉक्टर गौतम का आभार व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘मेरी पत्नी बहुत चिंतित थी। मैं इतना कमज़ोर था कि अपने पैरों को भी नहीं हिला सकता था। लेकिन अब मैं खुद चल सकता हूँ, कपड़े पहन सकता हूं और आत्मनिर्भर हो कर रह सकता हूँ। डॉ. आशीष ने मुझे दूसरा जीवन दिया।’’
डॉ. आशीष गौतम ने योगेश की सफलता की इस यात्रा के बारे में कहा, ‘‘योगेश की रिकवरी इस बात की मिसाल है कि रोबोटिक बैरिएट्रिक सर्जरी से न सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य ठीक होता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य और आत्मनिर्भरता में भी अविश्वसनीय सुधार होता है। हम चाहते हैं कि हमारे मरीज फिर से एक नई जिन्दगी पाएं।’’
कभी निराशा से जूझते योगेश आज आत्मविश्वास से लबरेज हैं। उन्होंने खुद कहा, ‘‘पहले लोग मुझे दया की दृष्टि से देखते थे। आज उम्मीद भरी नजरों से देखते हैं। मैं अंतर्मन से डॉ. आशीष गौतम का धन्यवाद करता हूँ।’’
योगेश इस तथ्य के जीते-जागते उदाहरण हैं कि आधुनिक सर्जिकल इनोवेशन में बड़े बदलाव की क्षमता है और मरीज की सफलता में विशेषज्ञ चिकित्सा मार्गदर्शन की महत्वपूर्ण भूमिका है।

Author: The Hindustan Times
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